Rajasthan24X7

Dedicated for Students and Farmers

मक्खन फल ने बनाया 26 साल का लड़का करोड़पति // एवोकाडो खेती Israel butter fruit nursery India Avocado

एवोकाडो खेती

भोपाल में उन्नत एवोकाडो खेती: एक प्रगतिशील किसान की सफलता की कहानी

मध्य प्रदेश के भोपाल में हमने हाल ही में हर्षित गोदारा से मुलाकात की, जो आधुनिक एवोकाडो खेती में अपने नवाचार के लिए प्रसिद्ध हो चुके हैं। उनके 1000 वर्ग मीटर के पॉलीहाउस में उगाई गई इस खेती ने उन्हें हर साल करीब 1 करोड़ रुपये का टर्नओवर दिलाया है। उनकी सफलता का रहस्य क्या है, और आप इसे कैसे अपना सकते हैं? आइए उनके खेत, इज़राइल से लाई गई विशेष एवोकाडो किस्म और इस सफर को शुरू करने के लिए आवश्यक मुख्य तत्वों के बारे में विस्तार से जानें।

किसान का परिचय: हर्षित गोदारा का कृषि की ओर रुख

हर्षित का कृषि की ओर सफर सीधा नहीं था। ब्रिटेन की बाथ यूनिवर्सिटी से बीए की डिग्री लेने के बाद उन्होंने कंप्यूटर से जुड़े कार्यों में कुछ समय बिताया, लेकिन उसमें संतोष नहीं मिला। स्वास्थ्य और फिटनेस में रुचि ने उन्हें एवोकाडो जैसे पौष्टिक फलों के बारे में खोज करने के लिए प्रेरित किया। इज़राइल में एक महीने की ट्रेनिंग के बाद, हर्षित 2017 में भारत लौटे और भोपाल में एक एवोकाडो नर्सरी शुरू की। शुरुआत में उन्होंने यह नर्सरी अपने व्यक्तिगत उपयोग के लिए की थी, लेकिन जल्द ही इसकी मांग बढ़ने लगी और उनके लिए एवोकाडो पॉलीहाउस स्थापित करना आवश्यक हो गया।

क्यों एवोकाडो खेती भारत में लाभदायक है?

एवोकाडो, जो मूल रूप से सेंट्रल और साउथ अमेरिका में उगाया जाता है, अपने स्वास्थ्य लाभों के कारण विश्वभर में लोकप्रिय हो चुका है। भारत में भी स्वास्थ्य और फिटनेस की ओर ध्यान बढ़ने के कारण एवोकाडो जैसे पोषक तत्वों से भरपूर फलों की मांग बढ़ रही है। खासकर शहरी भारत में इसकी डाइट में बढ़ती उपस्थिति ने इसे एक तेजी से बढ़ता हुआ फसल बना दिया है। भारत में इसकी खेती से आयात और शिपिंग पर होने वाला खर्च कम हो जाता है, जिससे ताजा उत्पाद भारतीय बाजार में आसानी से पहुंच सकता है।

एवोकाडो फार्म की शुरुआत: प्रारंभिक लागत और आवश्यकताएँ

एवोकाडो फार्म शुरू करने के लिए, सही किस्म का चयन महत्वपूर्ण है। हर्षित सुझाते हैं कि इज़राइल से ग्राफ्टेड पौधे लाना फायदेमंद है, जहाँ पौधों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाता है। इन पौधों को भारतीय जलवायु में आसानी से ढाला जा सकता है और ये उच्च उत्पादन देते हैं। नीचे फार्म स्थापित करने के लिए आवश्यक कदम और लागत दी गई है:

1. सही किस्म का चयन

  • एवोकाडो पौधे कई किस्मों में आते हैं, जिनमें हस किस्म विशेष रूप से लोकप्रिय है।
  • ग्राफ्टेड पौधे बीजों की तुलना में बेहतर उत्पादन और तेज़ विकास प्रदान करते हैं।

2. पॉलीहाउस सेटअप

  • पौधों की नियंत्रित वृद्धि के लिए हर्षित ने 1000 वर्ग मीटर का पॉलीहाउस स्थापित किया है।
  • पॉलीहाउस पौधों को अत्यधिक मौसम, कीट और रोगों से सुरक्षित रखता है।

3. पौधों का आयात और बढ़ोतरी की लागत

  • हर्षित इज़राइल से एवोकाडो पौधे मंगवाते हैं, जिनकी कीमत प्रति पौधा ₹3000 से ₹5000 तक होती है।
  • ये पौधे एक साल के अंदर बढ़ते हैं, जिससे ये भारतीय परिस्थितियों में डालने के लिए तैयार हो जाते हैं।

आवश्यक जलवायु और देखभाल

एवोकाडो को 5-35°C तापमान और पर्याप्त पानी की आवश्यकता होती है। हर्षित मिट्टी के पीएच स्तर को बनाए रखने और ड्रिप सिंचाई का उपयोग करने पर जोर देते हैं। भोपाल जैसे क्षेत्रों में, जहां जल की कमी होती है, उन्होंने एक रेनवॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित किया है। उनके सेटअप में 1 करोड़ लीटर तक का भंडारण क्षमता है, जो सूखे के दौरान सिंचाई के लिए पर्याप्त जल प्रदान करता है।

एवोकाडो खेती के लिए मुख्य आवश्यकताएँ:

  • तापमान: 5-35°C
  • मिट्टी: अच्छी तरह से जल निकासी वाली, पीएच लगभग 6.5
  • पानी: ड्रिप सिंचाई, रेनवॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम
  • धूप: पर्याप्त धूप आवश्यक, लेकिन अधिक गर्म क्षेत्रों में छाया आवश्यक हो सकती है।

समय और लाभ की संभावनाएँ

एक एवोकाडो पौधा लगभग तीन साल में फल देना शुरू कर देता है। हर्षित के व्यापार मॉडल के अनुसार, वह अपने एवोकाडो को न्यूनतम ₹100 प्रति किलो की दर से बेचते हैं। हस एवोकाडो जैसी उच्च गुणवत्ता की किस्मों की कीमत ₹200 प्रति किलो तक हो सकती है। इस दर पर, प्रति एकड़ लगभग छह टन उत्पादन होता है, जिससे प्रति एकड़ तीसरे वर्ष से ₹6 से ₹12 लाख वार्षिक आमदनी हो सकती है।

पाँचवे वर्ष तक हर्षित का मानना है कि उनकी लागत वसूल हो जाएगी, और छठे वर्ष से स्थिर लाभ प्राप्त होने लगेगा। एवोकाडो का उत्पादक जीवनकाल 40-50 साल होता है, इसलिए यह निवेश आने वाले दशकों तक लगातार अच्छा मुनाफा दे सकता है।

लागत-लाभ विश्लेषण: एवोकाडो खेती

नीचे एक एकड़ में एवोकाडो फार्म की लागत, आमदनी और निवेश पर लाभ का विश्लेषण प्रस्तुत है:

आइटमविवरणलागत
1. पॉलीहाउस सेटअप1000 वर्ग मीटर पॉलीहाउस₹10,00,000
2. पौधों की लागतप्रति एकड़ 170 पौधे, ₹3000 प्रति पौधा₹5,10,000
3. ड्रिप सिंचाई प्रणालीएक एकड़ के लिए ड्रिप प्रणाली₹50,000
4. वर्षा जल संचयन प्रणाली1 करोड़ लीटर भंडारण₹5,00,000
5. उर्वरक और कीटनाशकजैविक उर्वरक, वार्षिक खर्च₹20,000
6. श्रम लागतपौधारोपण, कटाई, देखभाल₹40,000
7. बिजली और पानीसिंचाई के लिए वार्षिक खर्च₹30,000
8. विविध खर्चेबाड़, उपकरण और अन्य खर्चे₹30,000
कुल प्रारंभिक निवेशसेटअप और पहले वर्ष की लागत सहित₹21,80,000

वार्षिक आमदनी और लाभ अनुमान (तीसरे वर्ष से)

वर्षउत्पादन अनुमान (किलो)प्रति किलो कीमतकुल राजस्ववार्षिक रखरखाव लागतशुद्ध लाभ
वर्ष 36,000₹100₹6,00,000₹1,00,000₹5,00,000
वर्ष 46,000₹150₹9,00,000₹1,00,000₹8,00,000
वर्ष 56,000₹200₹12,00,000₹1,00,000₹11,00,000
वर्ष 6+6,000₹200₹12,00,000₹1,00,000₹11,00,000

भविष्य की संभावनाएँ और विस्तार

भारत में एवोकाडो की मांग लगातार बढ़ रही है, इसलिए उत्पादन क्षेत्र का विस्तार करने से लाभ बढ़ाया जा सकता है। हर्षित ने अपने उत्पादन को बढ़ाने के लिए ड्रैगन फ्रूट भी उगाया है और शिमला से सेबों का भंडारण करने के लिए कोल्ड स्टोरेज का उपयोग किया है। उनकी बहु-फसल पद्धति और कोल्ड स्टोरेज ने उनकी आय को स्थिर किया है, जिससे उनकी कृषि का कारोबार अधिक टिकाऊ हो गया है।

निष्कर्ष

भारत में एवोकाडो खेती एक लाभकारी व्यवसाय मॉडल के रूप में उभर रही है, खासकर जब इसे इज़राइल जैसे देशों से प्राप्त सर्वोत्तम तकनीकों के साथ एकीकृत किया जाता है। सही प्रकार के पौधों का चयन, पॉलीहाउस सेटअप और सटीक जल प्रबंधन प्रणाली के साथ एवोकाडो की खेती से आने वाले वर्षों तक अच्छा मुनाफा प्राप्त किया जा सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *