
खंडवा, मध्य प्रदेश में बड़े पैमाने पर मिर्च की खेती करके किसान जबरदस्त मुनाफा कमा रहे हैं। आज हम मिलेंगे श्री सोनू पटेल से, जो 55 एकड़ में मिर्च की खेती करके प्रति वर्ष 1 करोड़ रुपये से अधिक कमाते हैं, वो भी सभी खर्चों के बाद। आइए जानते हैं उनके मिर्च उत्पादन, कीट नियंत्रण, फसल प्रबंधन और अधिकतम लाभ अर्जित करने के लिए अपनाए गए तकनीकों के बारे में।
विषय सूची
- बड़े पैमाने पर मिर्च की खेती का परिचय
- मिर्च के लिए उपयुक्त मिट्टी और जल आवश्यकताएँ
- मिर्च की खेती के लिए भूमि तैयार करना
- नर्सरी प्रबंधन और पौधों की लागत
- उर्वरक और मल्चिंग तकनीकें
- कीट नियंत्रण और स्प्रे प्रबंधन
- फसल कटाई और श्रम लागत प्रबंधन
- मिर्च की बिक्री के लिए मार्केटिंग रणनीति
- लाभ-हानि का अनुमान और निष्कर्ष
1. बड़े पैमाने पर मिर्च की खेती का परिचय
खंडवा क्षेत्र में बड़ी मात्रा में मिर्च की खेती ने यहां के किसानों को अत्यधिक लाभ का साधन उपलब्ध कराया है। श्री पटेल ने 2009 में केवल चार एकड़ से शुरुआत की और आज 55 एकड़ में मिर्च की खेती कर रहे हैं। सही तकनीक और मेहनत के साथ, यह खेती किसानों को बड़ा लाभ दे सकती है।

2. मिर्च के लिए उपयुक्त मिट्टी और जल आवश्यकताएँ

मिर्च के लिए लाल मिट्टी और मीठा पानी उत्तम माना जाता है। खंडवा के किसान विभिन्न जल स्रोतों जैसे कि कुएं, ट्यूबवेल और नर्मदा नदी का उपयोग करके सिंचाई करते हैं। ड्रिप सिंचाई के माध्यम से पानी का संरक्षण और प्रभावी उपयोग भी सुनिश्चित किया जाता है।
3. मिर्च की खेती के लिए भूमि तैयार करना
भूमि की तैयारी फसल की अच्छी पैदावार के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। श्री पटेल निम्नलिखित चरणों का पालन करते हैं:

- कल्टीवेटर (2 बार) से मिट्टी को खोदते हैं।
- रोटावेटर (1 बार) से मिट्टी को बारीक करते हैं।
- उठी हुई क्यारियाँ: क्यारियों को 42 इंच की दूरी पर तैयार किया जाता है। यह अंतराल पौधों के उचित विकास में सहायक होता है।
भूमि तैयारी लागत:
- कल्टीवेटर और रोटावेटर: ₹3,500 प्रति एकड़
- क्यारी तैयारी: ₹3,500 प्रति एकड़
4. नर्सरी प्रबंधन और पौधों की लागत
नर्सरी स्थापित करने से अच्छे पौधों का उत्पादन सुनिश्चित होता है। प्रति एकड़ 7,000-8,000 मिर्च पौधे लगते हैं जिनकी लागत लगभग ₹15,000 होती है। श्री पटेल पौधे खरीदते हैं ताकि उन्हें उच्च गुणवत्ता वाले पौधे प्राप्त हों।
5. उर्वरक और मल्चिंग तकनीकें
पौधे लगाने के बाद दो प्रमुख उपाय किए जाते हैं:
- बेसल फर्टिलाइजर: जैसे DAP, सल्फर, और मैग्नीशियम का उपयोग किया जाता है। लागत: ₹7,000-8,000 प्रति एकड़।
- मल्चिंग: उच्च गुणवत्ता वाले सिल्वर मल्चिंग शीट्स का उपयोग किया जाता है। लागत: ₹15,000 प्रति एकड़।
मल्चिंग शीट्स सूरज की किरणों को प्रतिबिंबित करती हैं, जिससे कीट नियंत्रण में मदद मिलती है।
6. कीट नियंत्रण और स्प्रे प्रबंधन
मिर्च के पौधे कीटों जैसे कि थ्रिप्स, व्हाइटफ्लाइज, और कैटरपिलर से प्रभावित होते हैं। इनके नियंत्रण के लिए:

- 15 स्प्रे पूरे मौसम में किए जाते हैं।
- औसत लागत: ₹30,000-35,000 प्रति एकड़।
उपयुक्त कीटनाशकों के प्रयोग से पौधों को स्वस्थ और पैदावार अधिक होती है।
7. फसल कटाई और श्रम लागत प्रबंधन

मिर्च की फसल कटाई में काफी श्रम लगता है। प्रति एकड़ लगभग 150 क्विंटल मिर्च का उत्पादन होता है। कटाई निम्नलिखित चरणों में होती है:
- कटाई की लागत: ₹5-6 प्रति किग्रा।
- प्रति एकड़ कुल श्रम लागत: ₹50,000।
जीआई तार और बांस का उपयोग करके पौधों को सहारा देने की लागत: ₹12,000 प्रति एकड़।
8. मिर्च की बिक्री के लिए मार्केटिंग रणनीति

श्री पटेल दोनों हरी और लाल मिर्च का लाभ लेते हैं:
- हरी मिर्च: शुरुआती सीजन में बेची जाती है, जिसकी कीमत ₹40-50 प्रति किग्रा होती है।
- लाल मिर्च: इसे पकने के लिए छोड़ दिया जाता है और बाद में बेचा जाता है।
स्थानीय बाजार में बेचने के साथ-साथ ठंडे भंडारण का उपयोग करते हैं, ताकि बाद में उच्च कीमत प्राप्त हो सके।
9. लाभ-हानि का अनुमान और निष्कर्ष
श्री पटेल ने मिर्च की खेती में लाभप्रद मॉडल बनाया है:
क्र. | विवरण | प्रति एकड़ लागत (₹) | प्रति एकड़ लाभ (₹) |
---|---|---|---|
1 | भूमि तैयारी | ₹7,000 | — |
2 | पौधों की लागत | ₹15,000 | — |
3 | बेसल फर्टिलाइजर | ₹7,000-8,000 | — |
4 | मल्चिंग | ₹15,000 | — |
5 | कीटनाशक और स्प्रे | ₹30,000-35,000 | — |
6 | श्रम (कटाई) | ₹50,000 | — |
7 | सहारा (GI तार और बांस) | ₹12,000 | — |
कुल लागत | ₹1,25,000 | ₹2,00,000-2,50,000 |
श्री पटेल प्रति एकड़ ₹2-2.5 लाख कमाते हैं, जिसमें सभी खर्च शामिल होते हैं। उनकी मिर्च की खेती से उन्हें प्रति वर्ष लगभग 1 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ होता है।
निष्कर्ष
मिर्च की खेती में सही तकनीक, कीट नियंत्रण, और मार्केटिंग के जरिए श्री पटेल ने खंडवा में एक लाभदायक मॉडल स्थापित किया है। किसानों के लिए यह एक सीखने का अवसर है कि वे मिर्च की खेती से कैसे अधिकतम लाभ कमा सकते हैं।
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